July 27, 2024

मधुमेह से ऐसे बचें

आज कल के इस भाग-दौड़ भरी युग में वह नियमित जीवन शैली के चलते जो बीमारी सार्वधिक लोगों को अपने गिरफत में ले रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जाता है यह ऐसी बिमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ लेत तो उसे फिर जीवन भर नहीं छोड़ती है। इस बिमारी का सबसे बुरा प्रभाव यह है कि यह शरीर में अन्य बिमारियों को आमंत्रित करती है। मधुमेह रोगियों को आंखो में दिक्कत, किडनी और लिवर की बिमारी होना आम है पहले ये बिमारी 40 उम्र के बाद ही होती थी। मगर बच्चों में भी आजकल यह बिमारी देखी जा रही है । यह चिंता का विषय है। इस ब्लाॅग में इस बिमारी के कारणों और उसके नियत्रंण के बारे में चर्चा करेंगें। सबसे पहले जानते है कि मधुमेह है क्या?
मधुमेह क्या है?
जब शरीर के पेनक्रियाज में इंसुलिन का बनना बंद हो जाता है तो खून मंे ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को मधुमेह कहते है। मधुमेह हो जाने से शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में तकलीफ होती है । इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन अंगों को नुकसान पहुॅचाना शुरू कर देता है। यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों को अधिक जकड़ता है मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवन शैली बिगड़ने के कारण होता है।
इसी आधार पर मधुमेह को दो श्रेणियों में बांटा गया है।

टाईप वनः- इसमें वंशानुगत कारणों से होने वाले मधुमेह आते है।
टाईप टूः- इसमें अनियमित जीवन शैली की वजह से होने वाले मधुमेह को कहते है।
प्हले श्रेणी के अंतर्ग वह लोग आते है जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को ये बिमारी होने की आशंका अधिक होती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम नहीं करते है, नीदं परूी नहीं लेते, अनियिमित खान-पान और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थो का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।

मधुमेह के लक्षणः-
ज्यादा प्यास लगना
बर-बार पेशाब का आना, आंखों की रोशनी कम होना, कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथ, पैर व गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म, बार-बार फोड़े फुंसी निकलना, चक्कर आना, चिडचिड़ापन

मधुमेह से बचाव के यह कुछ उपाय
अपने ग्लूकोज स्तर को नियमित जांचे और भेजन से पहले यह 100 और भेजन के बाद 125 से ज्यादा हो तो सतर्क हो जाएं । हर तीन महीने पर टेस्ट कराते रहं ताकि आपके शरीर शुगर के वास्तविक स्तर का पता चलता रहे। उसी अनुरूप् आप डाॅ. से परामर्श कर दवाईयां ले अपनी जीवन शैली में बदलाव करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें।

  • दिन में तीन से 4 किमी तक जरूर पैदल चलें या फिद योग करें ।
  • कम कैलोरी वाला भोजन करें भोजन में मीठा न खाएं, सब्जियां ताजे फल, डेरी उत्पादों साबुत अनाज और उमेगा थ्री वसा के श्रेतों को अपने भेजन में शामिल कीजिए।
  • सबसे बड़ी बात धुम्रपान से बचें । शराब का सेवन बिलकुल न करंे ।
    आॅफिस के काम का ज्यादा टेंशन न लें और रात को प्र्याप्त नींद ले।
  • तनाव को कम करने के लिए ध्यान लगाए या संगीत आदि सुने।
  • नियमित रूप् से स्वास्थ्य की जांच करते रहें । और शुगर लेवल को रोजाना माॅनीटर करें ताकि वह कभी भी लेवल से ज्यादा न हों ।

एक बार अगर शुगर बड़ जाता है तो उसे लेबल में लाना काफी मुश्किल हो जाता है । इस दौरान बड़ा हुआ शुगर स्तर शरीर के अंगों में बुरा प्रभाव छोड़ता है।
उपायः
गेहूं और जौ दो दो किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें इस आटे की बनी चपातियां ही भोजन में खाएं। मधुमेह में रोगियों को भोजन में करेला, मेथी, शहजन, पालक, तोरई सलगम, बैंगलन परवल , लौकी मूली, फूलगोभी, टमाटर और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। फलों में जामुन, नींबू आंवला,पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद संतरा, जायफल को शामिल करें।
आम केला सेब अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए।क्योंकि इसमें ज्यादा शुगर होता है।
मेथी रात को भीगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाना चाहिए।
बादम लहसून प्याज अंकुरित छिल्के वाले चने, सत्तु और बाजरा आदि शामिल करें तथा आलू, चांवल और मक्खन का उपयोग कम करें।

अब हम आपको बता रहें है कि शुगर का परीक्षण कैसे होता है। ये जानकारी हमें डाॅ हेमन्त कुमार से मिली है।
रक्त शर्करा का परीक्षण आपके रक्त में ग्लूकोज नामक एक प्रकार की चीनी को मापता है। यहंा विभिन्न प्रकार के ब्लड ग्लूकोज टेस्ट के बारे में जानकारी दे रहें हैं जिनके माध्यम से आप पता लगा सकते है कि आपको शुगर है कि नहीं
1. खाली पेट रक्त में जांच के लिए आपको 8 घंटे तक कुछ भी नहीं खाना होता है। यह अक्सर पहला टेस्ट होता है जो प्री डायबिटिज टेस्ट कहलाता है।

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