शाला त्यागी बच्चों को पुनः शिक्षा और स्कूल से जोड़ने के लिए प्रत्येक स्कूल-गांव में आउट ऑफ स्कूल फ्री विलेज के तहत किया जाए कार्य – कलेक्टर श्री विजय दयाराम के.
दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में कमजोर स्कूल के प्राचार्य, संकुल समन्वयक, बीईओ को स्पष्टीकरण देने के
जगदलपुर / कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने कहा कि शाला त्यागी बच्चों को पुनः शिक्षा और स्कूल से जोड़े, इसके लिए 10 जून से पहले प्रत्येक स्कूल-गांव में आउट ऑफ स्कूल फ्री विलेज के तहत कार्य किया जाए। स्कूल प्रारंभ होने से पहले एक भी बच्चा शाला त्यागी के रूप में नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही कक्षा दसवीं के बच्चों को फोकस कर परीक्षा परिणाम को बेहतर करने लिए प्रत्येक माह टेस्ट लेने की कार्ययोजना पर कार्य किया जाए। कलेक्टर ने शनिवार को शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक श्यामाप्रसाद मुर्खजी हाल में लिया।
कलेक्टर ने कक्षा 10 वीं के परीक्षा परीणाम की सातों विकासखंड के शालावार समीक्षा करते हुए बहुत कम परीक्षा परिणाम प्रदर्शित करने वाले स्कूल के प्राचार्य, संकुल समन्वयक, बीईओ को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए। स्पष्टीकरण का जवाब संबंधित स्कूल के प्राचार्य और शिक्षक स्वम देने कहा गया। उन्होंने कहा कि डाउन फॉल रिजल्ट वाले स्कूलों में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लगातार जाकर प्रगति लाए। स्कुलों में दसवीं के रिजल्ट में प्रगति के लिए प्रत्येक माह टेस्ट लिया जाए। जिला स्तर की समिति द्वारा टेस्ट का पेपर तैयार किया जाएगा, जिसे सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक माह चौथे शनिवार बच्चों के रिजल्ट पर चर्चा पालक सम्मेलन में किया जाए ताकि बच्चों की प्रगति की जानकारी पालकों को हो।जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी या शिक्षकों के अवकाश वाले दिनों में वीडियो के माध्यम से विषयों और चेप्टरवार पढ़ाई करवाया जाएगा। एजुकेशनल वीडियो का निर्माण विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा बनाया जाएगा जिसका यू ट्यूब के माध्यम से सभी को उपलब्ध करवाने का कार्य योजना बनाई जाएगी।
बैठक में नामांकन (पोषक शालाओं में दर्ज संख्या, शाला में प्रवेश की संख्या, शाला त्यागी), शाला प्रवेशोत्सव के तहत शासन के निर्देश का अनुपालन,विद्यालय मरम्मत और सौंदर्यकरण, पोषण वाटिका निर्माण, मासिक टेस्ट एवं उसके अनुसार उपचारत्मक शिक्षण, नेत्र एवं स्वास्थ्य परीक्षण, खेलकूद, योग प्रशिक्षण, न्योता भोजन के संबंध में चर्चा किया गया। बैठक में समीक्षा के दौरान एक स्कूल के प्राचार्य ने कम उम्र में स्कूली बच्चे की शादी होने की जानकारी देंने उक्त संबंध में बाल संरक्षण इकाई और उच्च कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं देने के लिए प्राचार्य और संकुल समन्वयक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए। साथ ही ग्राम सचिव पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे, जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, डीएमसी अखिलेश मिश्रा सहित शिक्षा विभाग के बीईओ, संकुल समन्वयक, प्राचार्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में अशासकीय प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हाईस्कूल, हायर सेकेण्ड्ररी के समस्त प्राचार्य-प्रधान अध्यापक से स्कूल में विद्यालय फीस विनियम समिति के नियमानुसार गठन कर जानकारी देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि स्कूलों को फीस की राशि न देने के फलस्वरूप छात्र-छात्राओं के परिजनो पर अनावश्यक रूप से दबाव बना कर स्कूल से निकालने की धमकी, परीक्षा में न बैठने देने, टीसी नहीं देने संबंधी शिकायतें पाने पर संबंधित स्कूलों के प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर किसी का हक है, इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है।
बैठक में आरटीई के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 तक ड्राप आउट बच्चों, विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालयों में संचालित पुस्तको-गणवेश व अन्य सामग्री के बिक्री के शिकायतों, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सत्र 2024-25 में प्रथम लाटरी में चयनित के प्रवेश की स्थिति, छात्र-छात्राओं संस्था की मान्यता हेतु आवश्यक नार्मस के अनुरूप संसाधनों की उपलब्धता, शाला में पदस्थ शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता एवं व्यवसायिक योग्यता- प्रशिक्षण, संस्था में छात्र-छात्राओं को पात्रता अनुसार समस्त छात्रवृत्तियां, सी.सी.टी.व्ही कैमरे का स्थापना, परिवहन हेतु संचालित वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट आरटीओ से जारी करवाने तथा ड्राईवर की नियमानुसार चिकित्सकीय जाँच व महिला परिचालक की नियुक्ति के संबंध में चर्चा किया गया।