जगदलपुर / स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना अपने आरम्भ से ही काफी प्रसिद्ध हासिल करता आया है। हाल ही के बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजनान्तर्गत 101 स्कूल खोले जाने की घोषणा की है।
जाहिर स्कूल के खोले जाने पर शिक्षकों की जरूरत पड़ी और इसीलिए हाल में इस योजनान्तर्गत संचाललित स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए बस्तर संभाग में विज्ञापन जारी किए गए। जिसे लेकर काफी झोल नजर आया है।
क्या है असमंजस ?
जो चर्चा का विषय बना हुआ है । बस्तर जिले में प्रकाशित 27 मार्च 2023 पत्रक्रमांक 1510 के विज्ञापन में शिक्षक बनने ने की आनिवार्य योग्यता में टेट यानि शिक्षक पात्रता परीक्षा का पास किए जाने का कोई उल्लेख ही नहीं है। जो मिडिल या प्राईमरी पढ़ाने के लिए शासन की अनिवार्य योग्यता में आती है। तो क्या अभ्यर्थी यह समझें कि बस्तर को विशेष छूट मिली है?
टीईटी या टेट क्या है?हमारे देश के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में शिक्षकों की भर्ती से पहले उनकी योग्यता तय करने के लिए टीईटी (TET) एग्जाम करवाया जाता है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में बैठने के लिए कुछ आवश्यक न्यूनतम योग्यता भी निर्धारित की गई है। भारत के सरकारी विद्यालयों में टीचर की नौकरी प्राप्त के लिए यह एग्जाम पास करना ज़रूरी है। TET परीक्षा भारत की केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा आयोजित की जाती हैं। अधिकतर राज्य अपनी खुद की टीईटी परीक्षा का आयोजन करते हैं। यह परीक्षा बच्चों के नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2002 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आयोजित की जाती है। टीईटी सर्टिफिकेट हमेशा के लिए वैलिड है। टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा सन् 2011 में शिक्षण में मानकों में सुधार के लिए की गई थी। कक्षा 1 से 8 तक का सरकारी शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य है।टीईटी या टेट क्या है? (What is TET? in Hindi)शिक्षक पात्रता परीक्षा जिसे टीईटी या टेट (TET) भी कहा जाता है एक पात्रता परीक्षा (Eligiblity Exam) है, जो हर साल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए करवाई जाती है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सरकार ने शिक्षकों की भर्ती करने के लिए टेट एग्जाम का आयोजन किया। राज्य सरकारों द्वारा TET Exam और केंद्र सरकार द्वारा CTET Exam का आयोजन किया जाता है। जो उम्मीदवार यह एग्जाम पास कर लेते हैं, वो सरकारी स्कूलों में शिक्षक की भर्ती के लिए योग्य माने जाते हैं और नियुक्त किये जाते हैं।टीईटी एग्जाम का संचालन हर स्टेट के प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड द्वारा किया जाता है। TET एग्जाम पास करने के पश्चात उम्मीदवार को कक्षा 1 से 5 तक के लिए प्राथमिक शिक्षक (प्राइमरी टीचर) और कक्षा 6 से 8 तक के लिए उच्च प्राथमिक शिक्षक (अपर प्राइमरी टीचर) की नियुक्ति का पात्रता प्रमाण पत्र (एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट) प्रदान किया जाता है। टीईटी एग्जाम में दो पेपर होते हैं। पेपर 1 प्राइमरी टीचर (Primary Teacher) के लिए और पेपर 2 अपर प्राइमरी टीचर (Upper Primary Teacher) के लिए होता है। योग्य उम्मीदवार किसी एक पेपर या फिर दोनों पेपर में भी शामिल हो सकते हैं। जो कैंडिडेट्स TET Exam में पास हो जाते हैं, वो राज्य सरकारों द्वारा सरकारी स्कूलों में निकाली गई शिक्षक की भर्ती के लिए चुने जाते हैं।
इसके अलावा कई ऐसे सवाल हैं जिन्हें लेकर अभ्यर्थियों में असंमजस स्थिति है। उनका कहना है कि विज्ञापन में टेट यानि शिक्षक पात्रता परीक्षा पास किए जाने का उल्लेख नहीं है और हमारे पदस्थापना के बाद नया आदेश आ गया तो हम तो अधर में रह जाएगें । बहरहाल, इतना ही नहीं बस्तर जिले के प्रकाशित सरकारी विज्ञापन कई और सवालों के घेरे में हैं । कुछ और पर नजर डालते हैं।
इसमें अभ्यर्थी का नियमतः अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई होना अनिवार्य है मगर इसमें न तो 5 वीं और नही 8 वीं की जानकारी मांगी गई है । तो इससे कैसे यह पता चलेगा कि फलां अभ्यर्थी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ा-लिखा है भी कि नहीं ?
2 अगला अहम सवाल यह इसमें एचएम (हेडमास्टर) के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन की पात्रता रखी गई जो अभ्यर्थियों के मुताबिक हस्यास्पद लगता है।
जबकि जानकारों के मुताबिक एचएम के लिए पांच साल का अनुभव ही पर्याप्त है और आठवीं तक के पढ़ाने के लिए ग्रेजुएशन ही काफी है।
3 जानकारों के मुताबिक बस्तर जिले से प्रकाशित विज्ञापन काफी जल्दबाजी में जारी किए गए है। ठीक हमारे टीवी channels के ब्रेंकिग न्यूज की तरह । जिसमें हास्यास्पद गड़बड़ी भी हुई । एक विज्ञापन जो 27 मार्च को जारी हुआ था जिसमें प्रधान अध्यापक की तनख्वाह 35 हजार 400 बतायी गई थी । बाद में संशोधन कर के 38 हजार 100 किया गया।
अभ्यर्थियों का मनाना है विज्ञापनों में इतना झोल है तो साक्षात्कार बाकी है।