आज के हाई टेक्नोलॉजी के जमाने में जैसे-जैसे वृद्वि होती जा रही है वैसे-वैसे व्यक्तियों के खाने-पीने पद्वतियां भी बदलती जा रही हैं। दिनभर की आपाधापी वाले जीवन में घर के खाने पीने से परहेज और बाहर मिलने वाले फास्ट – फूड पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। इसमें सबसे आगे आज का युवा वर्ग है जो हर काम की जल्दी में भोजन को वह तवज्जों नहीं दे पाता जो उसे देना चाहिए और फिर उसका परिणाम होता है बीमारियां ।
इनमें भी पेट संबंधी बीमारियां ज्यादा होती है, जिसका प्रभाव शरीर में पाए जाने वाले छोटे से लीवर पर होता है जो भोज्य पदार्थ ग्रहण करने वाला मुखिया होता है । देश के छोटे-बड़े शहरों में तेजी से फैलती फास्ट फूड और फास्ट लाइफ संस्कृति ने अपने पैर पसार लिये है जिसने आज के युवा को पुरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
यदि समय रहते इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं जब बीमारियां पूरी तरह से शरीर में घर बना लेंगी। वैसे देखा जाये तो हमारे देश से आधी से अधिक आबादी गरीबी और कुपोषण की मार झेल रही है तो दूसरी तरफ फास्ट
फूड के बढ़ते प्रचलन के कारण मौजदा पीढ़ी का एक बड़ा वर्ग हृदय रोगों के साथ-साथ जिगर (लीवर) की बीमारियों की गिरफ्त में आ रहा है। दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों तथा छोटे-बड़े शहरों में मकडोनाल्ड, विम्पी, डामिनॉज पिज्जा और पिज्जा हट जैसी फास्टफूड कंपनियों की अंधाधुन तरीके से फैलती दुकानों के कारण पनप रही फास्ट फूड संस्कृति से मोटापा, मधुमेह, रक्तचाप तथा हृदय की बीमारियां हीं नहीं बल्कि जिगर में सूजन जैसी घातक समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही है।
एशिया-पेसिफिक स्टडी ऑफ लीवर के सदस्य डॉ. लुई हाक फूंग ने बताया कि फास्ट फूड तथा अधिक वसायुक्त आहार के बढ़ते सेवन के कारण पश्चिमी देशों के साथ-साथ विकासशील देशों में भी जिगर में सूजन की समस्या बढ़ी है। उन्होने बताया कि फैटी लीवर (जिगर में सूजन) वह समस्या है जिसमें जिगर में बहुत अधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति जितनी चर्बी का सेवन करता है उतनी चर्बी को हमारा जिगर पचा नहीं पाता ।
जिगर में सूजन के परिणति लीवर सिरोसिस
और लीवर कैंसर के रूप में हो सकती है। डॉ. फूंग ने कहा कि हालांकि ऐसे लोगों सही संख्या ज्ञात नहीं की गई है मगर अनुमान है कि लगभग एक तिहाई अमेरिकी इस बीमारी से ग्रस्त है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि लीवर पर ही चर्बी क्यों जम जाती है लेकिन माना जाता है कि जब हमारा लीवर किसी कारण से चर्बी को पचा पाने में अक्षम हो जाता है तो उस पर चर्बी चढ़ जाती है। मौजूदा समय में टेलीविजन और कम्प्यूटर खेलों के बढ़ते प्रचलन के कारण बच्चे आज शारीरिक श्रम वालें खेलों से दूर रहने लगे है, जिससे बच्चों में भी यह समस्या तेजी से बढ़ने लगी है।
क्या कहते हैं चिकित्सक
भारत समेत कई देशों के चिकित्सकों का कहना है कि यदि बच्चों को प्रारंभ से खान-पान के प्रति जागरूक बनाया जाये तो शायद उनमें बड़े होकर फास्ट-फूड की तरफ आकर्षण अति से बहार नहीं पहुंचेगा और उनका रूझान संतुलित भोजन की ओर ज्यादा बढ़ेगा। इसके साथ ही जरूरी व्यायाम जो न सिर्फ शरीर को स्फूर्ति देता है बल्कि चयापचय क्रिया को भी सही रूप से संचालित करता है इसलिए आज के इस आपाधापी के जीवन में यह जरूरी है।