सेहत को मिल सकती है बिमारियां
जगदलपुर / अगर आप अखबारों के टुकड़ों में खाद्य सामग्री लेकर खाते हैं तो निश्चित ही इनमें होने वाली स्याही का उपयोग आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है, क्योंकि इस स्याही का प्रभाव अगर शरीर पर पड़ता है तो कैंसर भी हो सकता है।
ज्ञात हो अखबारों की स्याही में अनेक रसायन होते हैं जिनका अंश गर्मागरम खाद्य सामग्री के साथ शरीर में जाता है और कई रोगों की उत्पत्ति करता है। इन कागजों में स्याही के माध्यम से जो पदार्थ सबसे अधिकाधिक रूप में होता है वह है पेट्रोलियम इसमें हानिकारक पदार्थ शीशा, क्रोमियम एवं कैडमियम होते हैं साथ ही इस स्याही में ही टोल्यूनि जैसा जहरीला रसायन होता है और अगर ये शरीर में प्रवेश करता है। तो इसका पूरा प्रभाव तंत्रिका तंत्र में पड़ता है जिसके दुष्प्रभाव से अवसाद, थकान, सिरदर्द और खास तौर पर आप नींद न आने की बीमारी यानि अनिद्रा के रोगी तो हो ही जायेंगे। इसी के साथ शीशा एक ऐसा तत्व है जिसके शरीर में जाने से कैंसर की संभावनाएं प्रभावशाली होने लगती है कभी-कभी यही शीशा का अंश शरीर में घुलने से लाइलाज बीमारियाँ भी होती हैं।
जैसे सिरदर्द और मस्तिष्क का विकृत होना पाचन तंत्र में कठिनाईयाँ आना, भूख कम लगना, पेट से हमेशा परेशान रहना, बच्चों के विकास में अधिक समय लगना याददाश्त पर प्रभाव, अक्रामक व्यवहार का होना और चिड़चिड़ापन आना, थकावट हमेशा वनी रहना, संवेदनशीलता में कमी का होना और इसी स्याही के कारण लैड का जब कुछ अंश वीर्य में मिलता है तो आदमी नपुंसक भी हो सकता है।
अगर आम आदमी को इन अखबारी कागजों की स्याही का ज्ञान नही है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि वह इनमें परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री खाकर
बीमारियों से ही घिरेगा और जीवनभर के लिये बिस्तर पर जा सकता है।
याद रखिये अब इन्ही कागजों में मिलता है आपको समोसा, भजिया, जलेबी, भेल, अंडा आमलेट, पोहा और मछली जैसे नाश्ता बाजार में यहाँ तक कि बहुत से लोग अभी भी सफर में इन्हीं कागजों में पूड़ी, पराठे और रोटियाँ लपेट कर ले जाते हैं जिनके पसीजने से अखबारी टुकड़ों की स्याही इनमें पूरी तरह समा जाती है और अनजान लोग इसको खाकर सफर का लुफ्त उठाते हैं।
लेकिन संबंधित विभागों की नींद कब खुलेगी नही कहा जा सकता, ऐसा नही है कि इन विभागों के निरीक्षकों को ये बातें पता नही हैं, उन्हे ये भी पता है कि अखबारों के टुकड़ों में खाद्य सामग्री परोसी जाना कानूनी रूप से गलत है क्योंकि इनमें इस्तेमाल की गई स्याही में खतरनाक किस्म के रसायन होते हैं ? (रवि दुबे -सक्षम साक्षी )